यह जम्मू-कश्मीर में, उष्णकटिबंधीय पश्चिमी हिमालय के लगभग 1500-1800 मीटर की ऊँचाई पर और पश्चिम बंगाल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक एवं तमिलनाडु जैसे अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में मिलता है। आयुर्वेदिक ग्रन्थों जैसे निघण्टु में इसका विशेष उल्लेख तो नहीं मिलता, लेकिन इसके पञ्चाङ्ग, खासकर पुष्प को औषधीय कार्य में इस्तेमाल किया जाता है। इसके फूल पीले, सफेद, नीले, बैंगनी या गुलाबी रंग के होते हैं। इसकी जड़ थोड़ी मोटी, टेढ़ी, गांठदार और पीली या गुलाबी रंग की होती है। जड़ का स्वाद कसैला और चरपरा होता है।
बनफशा एक औषधीय जड़ी-बूटी है। इसके पत्ते, तना और फूलों में औषधीय गुण प्रचुर मात्रा में होते हैं। बनफशा के फूल बहुत सुगंधित होते हैं और ये गहरे बैंगनी या सफेद रंग के होते हैं। आयुर्वेद में इसका उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए किया जाता है। बनफशा तनाव और अनिद्रा जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है और साथ ही सर्दी, जुकाम और इन्फ्लूएंजा के लक्षणों को कम करने में भी मददगार होता है। आइए इसके औषधीय गुणों के बारे में जानें।
बनफशा के औषधीय गुण
गले की खराश मिटाए
बनफशा का इस्तेमाल गले की खराश को दूर करने के लिए हो सकता है। वास्तव में, बनफशा श्वसन प्रणाली से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में सहायक होता है। इसे सर्दी, खांसी और जुकाम के इलाज में भी प्रयोग किया जा सकता है। इस स्थिति में, आप बनफशा का सिरप या काढ़ा पी सकते हैं।
त्वचा के लिए उपयोगी
बनफशा में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं। ये गुण त्वचा को होने वाले नुकसान से बचाते हैं। इस पौधे से एग्जिमा, मुंहासों और दाग-धब्बों से छुटकारा पाया जा सकता है। त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए बनफशा को प्रभावी माना जाता है।
पित्त संबंधी समस्याएं ठीक करे
पित्त बढ़ने पर व्यक्ति को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में बनफशा का काढ़ा उपयोगी हो सकता है। बनफशा शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में सहायक होता है। साथ ही यह शरीर में बढ़े हुए पित्त को भी निकालने में कारगर होता है। यह शरीर की गर्मी को कम करता है और ठंडक प्रदान करता है।
गठिया में उपयोगी
बनफशा में सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जिसके कारण यह गठिया रोगियों के लिए फायदेमंद माना जाता है। बनशा गठिया के दर्द और सूजन को कम करने में सहायक हो सकता है। यदि आपको गठिया के प्रारंभिक लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो इसका उपयोग किया जा सकता है।
अनिद्रा की समस्या दूर करे
आजकल बहुत से लोग अनिद्रा से परेशान हैं। कई लोग नींद की गोलियों का भी सहारा लेते हैं, लेकिन आप चाहें तो बनफशा का उपयोग कर सकते हैं। बनफशा तनाव को कम करने और नींद लाने में मदद कर सकता है। इसके लिए आप बनफशा के तेल से सिर की मालिश कर सकते हैं, जिससे थकान, स्ट्रेस और चिंता दूर होती है और नींद अच्छी आती है।
बनफशा का उपयोग
बनफशा के तेल का उपयोग सिर की मालिश के लिए किया जा सकता है। आप बनफशा का सिरप और काढ़ा भी ले सकते हैं। बनफशा के फूलों का उपयोग त्वचा पर भी किया जा सकता है। हालांकि यह कई समस्याओं के इलाज में कारगर माना जाता है, लेकिन यह किसी भी बीमारी का संपूर्ण इलाज नहीं है। इसलिए अपनी समस्याओं के लिए डॉक्टर से संपर्क करना महत्वपूर्ण है।
वनप्सा के अन्य नाम
वनप्सा, सूक्ष्मपत्रा, नीलपुष्पा, ज्वरापहा, वनफ्शा, बाग बनोसा, बनफ्सा, बनफ्शाह, बनफ्सा, बथिलट्ट, वायीलेट्टू, घट्टेघांस, बनोषा, बनोसा, वायीलेट्टु, इंग्लिश वॉयलेट, स्वीट वॉयलेट, वॉयलेट टी, बनफ साग, वनफ्शाह।
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