आज हम आपको बताने जा रहे है वंशलोचन के बारे में जो की जिसको खाने से मिल सकते है कई सारे फायदे | वंशलोचन एक प्राकृतिक कैल्शियम है जो कि बांस के पेड़ से प्राप्त होता है। आयुर्वेद की दृष्टि से इसका उपयोग हर प्रकार की दवाइयों को बनाने में किया जाता है और अब मार्किट में भी इसको बहुत खरीदते है और सेल्लिंग बहुत अच्छी होती है वैसे हम आपको बता दे वंशलोचन बांस के पेड़ में पाया जाता है। ये बांसों की गांठों में जम जाता है और बांस को काटकर इसके अंदर से निकाला जाता है। और फिर इसको साफ़ करके इसको मार्किट में बेचा जाता है और इसको लोग खाने में भी बहुत पसंद करते है वंशलोचन का रंग सफ़ेद नीलापन लिए होता है और इसका टेस्ट भी फीका होता है और इसका स्वाभाव शीतल होता है |
वैसे हम आपको बता दे वंशलोचन को अधिक मात्रा में खाने से आपके फेफड़ो के लिए हानिकारक होता है | इसके अलावा अगर आप इसको थोड़ा काम मात्रा में रोज़ खाते है तो आपके शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है और आपकी बॉडी को फिट रखता है अगर आपको वंशलोचन बहुत पसंद है तो आप इसको 6 ग्राम की मात्रा में रोज़ ले सकते है | वंशलोचन स्वादिस्ट और ठंडा होता है और ये खासी , बलगम और ये सफ़ेद रोग को भी दूर करता है | अगर आपको गर्मियों में आपको बुखार है और अगर आप इसका सेवन करंगे तो तो आपका बुखार जड़ से ख़तम हो जायेगा इतना ही नहीं दस्त और पीलिया से भी देगा राहत वैसे इसका सेवन आपको जरूर करना चाहिए |
वंशलोचन कैसे खाएं / वंशलोचन खाने का तरीका :
अक्सर जिन लोगों के हाथ या पैरों में लगातार जलन रहती है उन्हें 1 ग्राम वंशलोचन में 1 चम्मच शहद मिलाकर लेना चाहिए। इससे जलन में आराम मिलता है और धीरे-धीरे ये परेशानी जड़ से खत्म हो जाती है।अक्सर बाहर का भोजन ग्रहण करने से पेट में छाले पड़ जाते हैं। और पेट ज्यादा दर लोगो का ख़राब रहता है उनके लिए भी बंशलोचन बहुत फायदा करता है अगर आप इसके आलवा वंशलोचन को पीस कर उसका चूरन बना ले और उसमे से ही एक चुटकी चूर्ण, उसको शहद में मिलाकर छालों पर लगाने से ये ठीक हो जाते हैं। और पेट को भी आराम मिलता है |
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