वजन बढाने के लिए अश्वगंधा का खास उपयोग

अश्वगंधा से वजन बढ़ाने का तरीका

आज हम बात करेंगे अश्वगंधा के फायदे के बारे में हालांकि आप ने कभी ने कभी अश्वगंधा के बारे में जरूर सुना होगा।

अश्वगंधा संस्कृत का नाम है।
अश्व से घोड़ा और गंधा से गंध या स्मेल मतलब होता है।
शुद्ध अश्वगंधा से घोड़े जैसे गंध आती है। और उसका सेवन करने से आदमी में घोड़े जैसी शक्ति आती है इस लिए उसे अश्वगंधा से जाना जाता है।

अश्वगंधा का मूल(root) का उपयोग होता है।

जो ताजा हो तो आपको घोड़े जैसी गंध का अनुभव करंगे।

पर्ण का देखाव सुअर का कान जैसा होता है।

छोटा सा पेड़ होता है।

आजकल जंगली के साथ खेत मे उगाई हुई अश्वगंधा बाजार में मिलती है।

जंगली अश्वगंधा गुणवत्ता में अच्छी होती है ।

इंग्लिश भाषा में अश्वगंधा को Winter Cherry और हिंदी में असगंध नाम से जानी जाती है

अश्वगंधा के फायदे
आयुर्वेद में बताया है की अश्वगंधा उष्ण वीर्य और मधुर विपाक की वजह से वात का समन करता है।

तिक्त,कसाय रस और उष्ण वीर्य की वजह से कफ का समन करता है।

मतलब की वात कफ से होने वाले रोगो में प्रकृति की अनुसार अश्वगंधा का उपयोग कर सकते है।

कामरुपिणि से जानी जाती है क्योकि उसका नियमित रूप से सेवन करने से एक अच्छा सा दिखाव (good look ) देता है।

वजन बढाने के लिए अश्वगंधा के फायदे

आजकल हर कोई अच्छी बॉडी बनाना चाहते है।

पर कोई भी किंमत पर बॉडी बनानी स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकर होती है।

मतलब की ऐसी चीजों को खाने में प्रयोग करना जो हमारे वजन को बढ़ा कर बॉडी तो अच्छी बना देते है, पर हमारे शरीर की ओर कई क्रिया या कामो पर एसा प्रभाव डालता है कि वोह ठीक से काम नही कर सकते।

हमे पता भी नही होता कि अच्छि पेकिंग में मिलन वाली ये चीजो हमारे बीमारी का ही न्योता है।
अब आप ही बताये की जहर खा कर बॉडी बनाने का क्या फायदा?!

स्टीरोइड के बारे में आप ने अवश्य सुना होंगा , क्योकि उस का प्रयोग कुत्रिम बॉडी बनाने के लिए प्रयोग होता है।

अगर किसी ने इस प्रकार स्टिरॉयड का प्रयोग कर दिया तो उसकी रोगप्रतिरोधक शक्ति कम हो जाती है और बाकी की दवाईओ भी कम असर करती है।

अश्वगंधा में कुदरती स्टिरॉयड होता है जो नैचरली वजन बढ़ाने में मदद करता है।

सोमनिफेरिन नाम का तत्व अश्वगंधा में से पाया जाता है जो अच्छि नींद के लिए जवाबदार होता है।

अब हम सब जानते है कि वजन बढ़ाने के लिए अच्छि नीद की आवश्यकता है।

जो कि अश्वगंधा के प्रयोग से हमे प्राप्त होती है।

इसलिए Insomnia – निद्रानाश के रोगियो को अश्वगंधा का प्रयोग करना चाहिए।

वजन बढ़ाने के लिए अश्वगंधा को दूध , घी, या गर्म जल के साथ नियमित सेवन करना चाहिए।

यहां पर हमने वजन बढ़ने के लिए अश्वगंधा के फायदे से दो बाते जानी एक तो उसमे कुदरती स्टीरोइड होता है जो नेचुरल वजन बढ़ने में मदद करता है और सोमनिफेरस जो अच्छी नींद के लिए जवाबदार है। दोनों मिलकर प्राकृतिक तरीको से बॉडी या वजन बढ़ने में मदद करता है।

15 दिनो में ही आपको उस को परिणाम देखने मिलेगा।

शुक्राणु की कमी में अश्वगंधा के फायदे 
अश्वगंधा के फायदे शुक्राणु की कमी में बहुत ही ज्यादा लाभदायक है। ज्यादातर पुरूष की तरफ से वन्ध्यत्व होने के लिए या तो शुक्राणु की कमी या फिर उनका कमजोर होना।

संस्कृत में अश्वगंधा को पुत्रदा कहते है क्योकि उसका नियमित सेवन करने पुरुष के शुक्र धातु को बढ़ता है।

1 ग्लास दूध को 1 चमच अश्वगंधा चूर्ण को देशी घी के साथ उबाल कर लेने से शुक धातु के लिए बहुत ही लाभदायक होता है।

श्वास – 
उम्र के श्वास के तकलीफ बढ़ती है उस समय सही औषध का प्रयोग किया इस बीमारी पर हम काबू पा सकते है।

शास्त्रोक्त पद्धति से बनाया हुआ अश्वगंधा का क्षार को मधु और घी के साथ वैद्यकीय सलाह के अनुसार प्रयोग करने से स्वास के रोगों में बहुत ही लाभदायक होता है।

अश्वगंधा के साइड इफेक्ट 
उष्ण वीर्य होने के वजाह से गर्भनी को अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए।

अश्वगंधा पचने में भारी होने की वजाह से मंदाग्नि वाले को उसका सेवन नहीं करना चाहिए।

हमने अपको थोड़ा बहुत हमारे ऋषिमुनियों और आधुनिक विज्ञान की बताई हुई बातो को बताने की कोशिश की है जिसे अगर आप ठीक से अनुसरण करते है तो आपके लिए अवश्य फायदेमंद होगा।

                                                  

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