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Description
indianjadibooti Jai Mata Di Flag (52*65) Cm set of four flag
Jai Mata Di flag red sattin (52*65) Cm
Jai Mata Di flag fabulously designed required in religious celebration.
Jai Mata Di flag to install in prayer altar and deity temples.
Introducing the Jai Mata Di Print flag, made of quality sattin fabric and featuring beautiful vibrant colors. This flag is perfect for completing any traditional outfit and is sure to make you stand out. The high-quality fabric ensures maximum comfort and durability.
हिन्दुओं के शक्ति साम्प्रदाय में भगवती दुर्गा को ही दुनिया की पराशक्ति और सर्वोच्च देवता माना जाता है (शाक्त साम्प्रदाय ईश्वर को देवी के रूप में मानता है)। वेदों में तो दुर्गा का व्यापाक उल्लेख है, किन्तु उपनिषद में देवी "उमा हैमवती" (उमा, हिमालय की पुत्री) का वर्णन है। पुराण में दुर्गा को आदिशक्ति माना गया है। दुर्गा असल में शिव की पत्नी आदिशक्ति का एक रूप हैं, शिव की उस पराशक्ति को प्रधान प्रकृति, गुणवती माया, बुद्धितत्व की जननी तथा विकाररहित बताया गया है। एकांकी (केंद्रित) होने पर भी वह माया शक्ति संयोगवश अनेक हो जाती है। उस आदि शक्ति देवी ने ही सावित्री(ब्रह्मा जी की पहली पत्नी), लक्ष्मी, और मुख्य रूप से पार्वती(सती) के रूप में जन्म लिया और उसने ब्रह्मा, विष्णु और महेश से विवाह किया था। तीन रूप होकर भी दुर्गा (आदि शक्ति) एक ही है।
देवी दुर्गा के स्वयं कई रूप हैं (सावित्री, लक्ष्मी एव पार्वती से अलग)। मुख्य रूप उनका "गौरी" है, अर्थात शान्तमय, सुन्दर और गोरा रूप। उनका सबसे भयानक रूप "काली" है, अर्थात काला रूप। विभिन्न रूपों में दुर्गा भारत और नेपाल के कई मन्दिरों और तीर्थस्थानों में पूजी जाती हैं।भगवती दुर्गा की सवारी शेर है।
मार्कण्डेय पुराण में ब्रहदेव ने मनुष्य जाति की रक्षा के लिए एक परम गुप्त, परम उपयोगी और मनुष्य का कल्याणकारी देवी कवच एवं व देवी सुक्त बताया है और कहा है कि जो मनुष्य इन उपायों को करेगा, वह इस संसार में सुख भोग कर अन्त समय में बैकुण्ठ को जाएगा। ब्रहदेव ने कहा कि जो मनुष्य दुर्गा सप्तशती का पाठ करेगा उसे सुख मिलेगा। भगवत पुराण के अनुसार माँ जगदम्बा का अवतरण श्रेष्ठ पुरूषो की रक्षा के लिए हुआ है। जबकि श्रीं मद देवीभागवत के अनुसार वेदों और पुराणों कि रक्षा के और दुष्टों के दलन के लिए माँ जगदंबा का अवतरण हुआ है। इसी तरह से ऋगवेद के अनुसार माँ दुर्गा ही आदि-शक्ति है, उन्ही से सारे विश्व का संचालन होता है और उनके अलावा और कोई अविनाशी नही है।
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