गर्मियों में आपको बाजारों में काले रंग का एक शानदार फल दिखाई देगा, जिसे देखते ही मुंह में पानी आ जाता है। सही पहचाना, हम जामुन की बात कर रहे हैं, जो गर्मियों का लोकप्रिय फल है। इसके ऊपरी हिस्से को खाने में मजा आता है और बीज को हम आमतौर पर फेंक देते हैं। लेकिन ठहरिए। क्या आपने कभी सोचा है कि जामुन का बीज आपके स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद हो सकता है? अगर नहीं, तो स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको जामुन की गुठली के लाभ और उसके उपयोग के बारे में पूरी जानकारी देंगे।

जामुन की गुठली क्या है?

जामुन का पेड़ बड़ा होता है, जिस पर गर्मियों में गुच्छों में जामुन फलते हैं। यह फल गहरे काले रंग का होता है। इसके अंदर एक बीज होता है, जिस पर हलकी गुलाबी और सफेद रंग की परत होती है। जामुन के बीज का अंदरूनी हिस्सा हरे रंग का होता है। यह बीज हल्का कठोर होता है, लेकिन हाथों की ताकत से दबाने पर टूट सकता है। जामुन खाने के बाद कुछ लोग इसे भी खा लेते हैं, जिनकी स्वास्थ्य फायदों के बारे में आगे बताया गया है।

जामुन के बीज को बेकार समझकर फेंक देते हैं? इसके फायदे जानिए, ये किसी वरदान से कम नहीं

जामुन का बीज स्वास्थ्य का खजाना है। कई बार लोग इसे बेकार समझकर फेंक देते हैं, लेकिन यह डायबिटीज, कब्ज और पेट की समस्याओं में बहुत प्रभावी होता है। इसके अलावा, यह शरीर की गंदगी बाहर निकालने में भी मददगार है।

जामुन का सीजन चल रहा है और पेड़ काले-काले जामुनों से लदे हुए हैं। इस समय बाजार में जामुन की खूब बिक्री हो रही है। अगर आप भी जामुन खाने के शौकीन हैं और खाने के बाद उसकी गुठली यानी बीज को फेंक देते हैं, तो आप इसके फायदे नहीं जानते होंगे। जिस बीज को आप बेकार समझकर फेंक देते हैं, वह स्वास्थ्य के लिए वरदान से कम नहीं है। जामुन की गुठली का पाउडर बनाकर इस्तेमाल करने से कई प्रकार के लाभ होते हैं। औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण इसके कई फायदे हैं। आइए जानते हैं, किन-किन बीमारियों में जामुन की गुठली का पाउडर काम आता है।

जामुन की गुठली के 10 फायदे

डायबिटीज की समस्या में

जामुन की गुठली डायबिटीज यानी मधुमेह के रोगियों के लिए एक बेहतरीन उपचार है। इसका नियमित सेवन करने से डायबिटीज नियंत्रित हो सकती है और यहां तक कि जड़ से समाप्त भी हो सकती है। इसके अतिरिक्त, जामुन की गुठली कैंसर से बचाव में भी मदद करती है। अगर किसी को पथरी है, तो जामुन के बीज का पाउडर पथरी को गलाकर शरीर से बाहर निकाल देता है। जामुन में विटामिन सी और आयरन प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शरीर में खून बढ़ाने में सहायक होते हैं। इसलिए, यदि किसी को एनीमिया है, तो वह जामुन का फल और उसकी गुठलियों का सेवन कर सकता है।

ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में

जामुन के बीज का पाउडर ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। डायबिटीज के रोगियों के लिए यह अत्यंत लाभकारी होता है। एक गिलास पानी में एक चम्मच जामुन के बीज का पाउडर मिलाकर पीने से काफी लाभ होता है।

कब्ज की समस्या के लिए

कब्ज की समस्या से निपटने के लिए भी जामुन बीज का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। जामुन बीज में क्रूड फाइबर की मात्रा होती है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, क्रूड फाइबर कब्ज की समस्या में लाभकारी परिणाम दिखा सकता है।

मानसिक स्वास्थ्य

जामुन की गुठली का पाउडर मानसिक स्वास्थ्य के लिए दवा की तरह कार्य करता है। यह थकान और तनाव को कम करने में सहायता करता है। जामुन की गुठली के पाउडर का काढ़ा बनाकर पीने से यह मानसिक समस्याओं से भी बचाता है।

टॉक्सिन निकालने के लिए

अगर आप शरीर से टॉक्सिन निकालना चाहते हैं, तो जामुन की गुठली के पाउडर का काढ़ा बनाकर या पानी के साथ सेवन करें। इससे शरीर की गंदगी बाहर निकल जाती है। यह काढ़ा इम्युनिटी को भी मजबूत करता है और बॉडी को फ्री रेडिकल्स से बचाने में मदद करता है।

ब्लड प्रेशर

उच्च रक्तचाप को कम करने में जामुन की गुठली के फायदे विशेष रूप से प्रभावी होते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, जामुन के बीज में एलेजिक एसिड की मात्रा होती है। अध्ययन में पाया गया कि एलेजिक एसिड का सेवन करने से ब्लड प्रेशर में उल्लेखनीय कमी आती है, जो लगभग 36% तक कम हो सकता है।

दांतों और मसूड़ों के लिए

दांतों और मसूड़ों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए जामुन बीज के फायदे देखे जा सकते हैं। जामुन बीज में मौजूद कैल्शियम का सेवन करने से दांत मजबूत रहते हैं और उनका विकास सही होता है। बच्चों और वयस्क दोनों को दांतों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है। इसके अलावा, विटामिन-सी की कमी से मसूड़ों में सूजन और खून निकलने की समस्या को भी जामुन बीज में पाए जाने वाले विटामिन-सी से ठीक किया जा सकता है।

पीरियड्स में

मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए जामुन बीज के पाउडर का सेवन फेमंद हो सकता है। जामुन बीज में मौजूद जिंक, पीरियड्स के दौरान होने वाले को कम करने में मदद करता है।

उल्टी से राहत दिलाने के लिए

यदि खान-पान में ध्यान न देने और पाचन शक्ति के खराब होने पर उल्टी की समस्या होती है, तो जामुन के बीज के पाउडर का उपयोग किया जा सकता है। डायस्पेसिया (Dyspesia – एक ऐसी स्थिति जिसमें उल्टी का भी लक्षण शामिल है) के इलाज के लिए जामुन बीज से बने पाउडर को पानी में मिलाकर पीने से उल्टी की समस्या से राहत मिल सकती है।

नोट: इस पर अभी वैज्ञानिक शोध की जरूरत है कि यह उल्टी की स्थिति में किस प्रकार काम करता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसे इस्तेमाल करें।

बलगम (कफ) को दूर करने के लिए

कभी-कभी कफ या बलगम से परेशान होना पड़ता है। जामुन के बीज की विशेषताएं कफ को दूर करने में उपयोगी हो सकती हैं। गले की समस्याओं के संदर्भ में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, जामुन बीज से बना अर्क कफ हटाने में सहायक हो सकता है। हालांकि, इस पर अधिक वैज्ञानिक अनुसंधान की आवश्यकता है।

त्वचा के लिए

जामुन की गुठली त्वचा के लिए भी फायदेमंद हो सकती है। इसका कारण यह है कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो फ्री रेडिकल्स को निष्क्रिय कर त्वचा की रक्षा करते हैं। यदि फ्री रेडिकल्स को नियंत्रित न किया जाए, तो वे त्वचा कैंसर और फोटोजिंग जैसी समस्याओं को जन्म दे सकते हैं। इसलिए, जामुन के बीज में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट त्वचा के लिए लाभप्रद हो सकते हैं।

जामुन के बीज के पौष्टिक तत्व

निम्नलिखित में जामुन की गुठली का उपयोग बताया गया है:

  • जामुन की गुठली के ऊपरी छिलके को हटाकर, इसके हरे भाग को कच्चा खाया जा सकता है।

  • इस हरे हिस्से को तेल में तलकर नमक के साथ खाया जा सकता है।

  • जामुन की गुठली को पीसकर चटनी के रूप में उपयोग कर सकते हैं।

  • ऊपरी छिलका साफ करके इसे जूस में भी मिलाया जा सकता है।

  • गुठली को धूप में सुखाकर, इसका पाउडर बना लें और पानी में मिलाकर पी सकते हैं।

कब और कितना खाएं

  • कब खाएं: दिन में एक बार किसी भी समय जामुन के बीज का सेवन किया जा सकता है।

  • कितना खाएं: एक बार में 6-8 बीजों का ही उपयोग करें।

नोट

जामुन बीज का सेवन करने के समय और मात्रा के लिए किसी आहार विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।